MSG
आज़मा ले मुझको
थोडा और, ए खुदा…
तेरा "बंदा" बस
बिखरा हैं अब तक,
टूटा नही ..
अपनी रोशनी की बुलंदी पर
कभी न इतराना मेरे दोस्त,
चिराग़ सब के बुझते है,
हवा किसी की नही होती...!!
हक़ से दे तो तेरी नफरत
भी सर आँखों पर...
खैरात में तो तेरी
मोहब्बत भी मंजूर नही
वाह रे ईश्क...
कया कहेना तेरा...
जो तुजे जान ले...
तु उसीकी जान ले...!!
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